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Tulsi Plant: सूखी तुलसी का पौधा किस दिन उखाड़ना चाहिए?

हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र के अनुसार, सूखी तुलसी का पौधा उखाड़ने के लिए कुछ दिनों को शुभ माना जाता है:

शुभ दिन:

  • सोमवार: सोमवार भगवान शिव का दिन माना जाता है, और तुलसी को भगवान विष्णु का प्रिय माना जाता है। इसलिए, सोमवार को सूखी तुलसी का पौधा उखाड़ना शुभ माना जाता है।
  • बुधवार: बुधवार भगवान गणेश का दिन माना जाता है, और भगवान गणेश विघ्नों के नाशक हैं। इसलिए, बुधवार को सूखी तुलसी का पौधा उखाड़कर आप अपने जीवन से विघ्नों को दूर कर सकते हैं।
  • गुरुवार: गुरुवार भगवान विष्णु का दिन माना जाता है, और तुलसी को भगवान विष्णु का प्रिय माना जाता है। इसलिए, गुरुवार को सूखी तुलसी का पौधा उखाड़ना भी शुभ माना जाता है।
  • शनिवार: शनिवार भगवान शनि का दिन माना जाता है, और शनि देव कर्मों के कारक हैं। इसलिए, शनिवार को सूखी तुलसी का पौधा उखाड़कर आप अपने बुरे कर्मों से मुक्ति पा सकते हैं।

अशुभ दिन:

  • रविवार: रविवार सूर्यदेव का दिन माना जाता है, और तुलसी को सूर्यदेव की प्रिय पत्नी माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, रविवार को सूखी तुलसी का पौधा उखाड़ना अशुभ माना जाता है।
  • मंगलवार: मंगलवार भगवान हनुमान का दिन माना जाता है, और हनुमान जी भगवान राम के भक्त थे। तुलसी को भगवान विष्णु का प्रिय माना जाता है, और भगवान विष्णु भगवान राम के अवतार हैं। इसलिए, मंगलवार को सूखी तुलसी का पौधा उखाड़ना भी अशुभ माना जाता है।
  • पूर्णिमा, अमावस्या और एकादशी: इन तिथियों को पवित्र माना जाता है, और इन दिनों में किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है। इसलिए, इन तिथियों को सूखी तुलसी का पौधा उखाड़ना भी अशुभ माना जाता है।
  • सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण: सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है। इसलिए, इन दिनों में भी सूखी तुलसी का पौधा उखाड़ना अशुभ माना जाता है।
  • सूतक और पितृ पक्ष: सूतक और पितृ पक्ष में भी किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है। इसलिए, इन कालखंडों में भी सूखी तुलसी का पौधा उखाड़ना अशुभ माना जाता है।

सूखी तुलसी का पौधा उखाड़ने की विधि:

  • सूखी तुलसी का पौधा उखाड़ने से पहले, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी से प्रार्थना करें।
  • पौधे को धीरे से जड़ों सहित उखाड़ें।
  • गड्ढे को मिट्टी से भर दें और उसमें एक नया तुलसी का पौधा लगाएं।
  • पुराने तुलसी के पौधे को बहते पानी में प्रवाहित कर दें या उसे किसी मंदिर में दान कर दें।

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